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कागज़ पे सजाना छोड दिया.....


हम प्यार उन्ही से करते है..
अब ये भी जताना छोड़ दिया..
हम उनसे कभी रूठे ही नहीं..
और उसने भी मनाना छोड़ दिया…
मरना भी मुश्किल सा होगा जिसके बगैर्…
उस शक़्स् ने… ख्वाबो में भी आना छोड़ दिया…
ऱोना तो हमें आता ही ना था..
अब हमने मुस्कराना भी छोड़ दिया..
सब पूछ्ते है की हम क्यों लिखते नहीं..
हम कैसे कहे की अब हमने अपने ज़ख्मो को..
कागज़ पे सजाना छोड दिया

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