अंधेरों के लिए
रात को दोष मत दीजै
रातें सूरज की मज़बूरी के सिवा कुछ भी नहीं !!
######
ये अंधरे नहीं
सुकूँ के लिए मौका है
इस बेहतर दुनियां में दवा कुछ भी नहीं !!
######
जब भी होता है अँधेरा
तो दीप जगते हैं
मायने रोशनी के तब सभी समझते हैं !
ज़िंदगी *निशीथ के सिवा कुछ भी नहीं !!
0 Comments:
Post a Comment